लेखनी कहानी -09-Dec-2021
मन्दिरों की आरती में, मस्जिदों की अजान में,
ढूंढ रहा साध्वी मोक्ष की हर पहचान में,
दर दर घूमा पर, मन में ना ढूंढ पाया,
देव सृजन का है बसा, खेत में खलिहान में।
मिट्टी की कठपुतली बनकर बैठ कहीं होता,
कहीं बाजारों की गलियों में एक चद्दर मे सोता।
नन्हें नन्हें बच्चों की मासूमियत पहचानों,
बाल्य लोभ में हर ईश्वर उन मुस्कान में होता।
कुमार आनन्द
Barsha🖤👑
10-Dec-2021 08:23 PM
Nice
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Seema Priyadarshini sahay
10-Dec-2021 01:05 AM
बहुत खूबसूरत
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Chirag chirag
09-Dec-2021 05:51 PM
Nice
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